Wednesday 1 October 2014

पुस्र्ष जानांग के स्वास्थ्य और फिटनेस की अचूक दवा

पुस्र्ष जानांग के स्वास्थ्य और फिटनेस की अचूक दवा

 

 

 

 

किशोरावस्था एक बाल्यावस्था (childhood) एवं युवावस्था (youth) के बीच का वह नाजुक और कमसिन मोड़ है जो परिवर्तनों (transformation) का एक सैलाब लाता है। यह बदलाव शारीरिक (बाह्य एवं आन्तरिक) व मानसिक होते हैं। अपने शरीर को लेकर लाखों ‘क्यों और कैसे’ जैसे उठते प्रश्नों के उत्तर संकोच व् भयवश किसी विश्वसनीय माध्यम से जानने के बजाय सस्ते साहित्य , यार-दोस्त , ब्लू फिल्म्स और अन्य माध्यमो से प्राप्त कर किशोर एक भूल-भुल्लैया में फँस जाते हैं और हर तरह से अपना नुक्सान करते हैं। किशोरावस्था की अनेक उलझनों में सबसे बड़ी है ‘हस्थमैथुन (Mastrubation) की। हस्थमैथुन यानि अप्रक्र्तिक रूप से लिंगोत्तेजना (sensation) प्रकट कर वीर्य का स्खलन करना। भारत में यह समस्या लड़कियों के मुकाबले लडको में कहीं ज्यादा है। समस्या तब और भी गंभीर हो जाती है जब हस्थमैथुन एक लत, एक जूनून, एक रोग, और सत्य से मुह फेरकर दिवास्वप्न (fantasy) में डूबे रहने का साधन बन जाता है। सुनी सुनाई बातों और किताबो में पढ़कर मिले ज्ञान के बल पर इस कमसिन उम्र को पार करना आगे चलकर आत्मग्लानि, अपराधबोध और हीनता को जन्म देता है। बहुतेक शीघ्र-पतन और लिंगोत्थान (erection) के अभाव में विवाह के नाम मात्र से काँप उठते हैं। अतिसंवेदनशील एवं अवसादग्रस्त किशोर तो आत्मघात तक कर लेते हैं।आजकल ऐलोपैथ चिकित्सक युवकों को खुलेआम यह सलाह देते हैं कि हस्तमैथुन से कोई नुकसान नहीं होता। मैं भी मानता हूं कि कोई बडा शारीरिक नुकसान नहीं होता, लेकिन इसके मानसिक कुप्रभाव घातक होते हैं, जो सम्पूर्ण जीवन को बर्बाद कर सकते हैं। इसलिए हस्तमैथुन के मानसिक कुप्रभावों से बचने के लिए हस्तमैथुन कभी नहीं करें और यदि अब से पूर्व कोई युवक करता रहा है, तो हस्तमैथुन एवं योनिजनति यौन सुख में तुलना करके अपने यौन जीवन को बर्बाद नहीं करें। हस्थमैथुन से नुकसान

हस्तमैथुन के दौरान लिंग के उतक में चोट पहुंचती है और यह उतक शतिग्रस्त हो जाते है जिससे लिंग के बड़े प्रकोष्ट (कार्पस केवेरनोसम) में रक्त इकट्टा नही हो पता जिससे लिंग में उत्तेजना आनी बंद हो जाती कभी कभी तो यह एक बहुत खतरनाक रूप धारण कर लेती है जिसमे व्यक्ति को उत्तेजना आना सदेव के लिए समाप्त हो जाती है और व्यक्ति नपुंसक हो जाता है ! हस्थमैथुन अति-उत्तेजना में किया जाए तो इससे शीघ्रपतन का खतरा है। कुछ लोगों में यही आदत विवाह के पश्चात भी बनी रहती है और वे शर्मिंदा होते हैं। अति-उत्तेजना से लिंग को चोट (injury) भी लग सकती है। नसों पर अधिक दवाब पड़ सकता है।
1.हस्थमैथुन से शरीर का कमजोर होना और तेज में कमी आना, आँखों का धसना एवं उनके नीचे कालिमा आना, गालो का धसना , वीर्य का कम और पतला होना , शीघ्र-पतन , वंशवृद्धि में असमर्थता एवं स्थाई नपुंसकता (Permanent impotency) होना इत्यादि हैं ।
2.हस्थमैथुन करने वाला एक तरह का निन्दित, निकृष्ट एवं हेय कृत्य करता है।
3.वीर्य का स्खलित होना ओज को कम करता है एवं शरीर एवं मन को दुर्बल करता है।
4.इससे संकल्प शक्ति का ह्रास होता है।
5.यह बचपन में की हुई भूल है जिसका खामियाजा बड़े होने पर भुगतना पड़ता है।
6.इससे वैवाहिक जीवन में कई दिक्कतें आती हैं जैसे- पत्नी को संतुष्ट न कर पाना, शीघ्र पतन, स्वप्न दोष, लिंग का छोटा एवं पतला होना, वीर्य का कम एवं पतला होना, शुक्रानुओ की संख्या में कमी होना इत्यादि।        
              सिकंदर-ए-आज़म प्लस कैप्सूल

हमारे हर्बल खाने व लगाने के इलाज से कोपर्स केवेरनोसम (Corpus Cavernosum) और कोपर्स स्पोंजीयोसम (Corpus Spongiosum) ऊतकों में वृद्धि होती है, इन ऊतकों की कोशिकाओं का आकार बढ जाता है जिनमें रक्त इकट्ठा होता है जिसके फलस्वरूप लिंग के आकार में वृद्धि होती है और इसके साथ-साथ लिंग में उत्थान क्षमता भी बढ़ जाती है। यह शिकायत होना आजकल आम बात हो गई है। गलत आचार-विचार इसका प्रमुख कारण है। इस समस्या को दूर करने के लिए सिकंदर-ए-आज़म प्लस कैप्सूल बहुत अधिक प्रभावशाली है यह एक हर्बल कैप्सूल है जो लिंग आकार और कामेच्छा बढ़ाता है. यह अनूठा लिंग वृद्धि कैप्सूल समय से पहले थकना या पतन हो जाना आदि समस्याओं को भी दूर करता है. यदि आप जब प्यार करने से शर्मिंदा हो रहे हैं, वहाँ केवल एक ही विकल्प है यानी सिकंदर आजम कैप्सूल
इस इलाज से 20-30 प्रतिशत लिंग आयतन वृद्धि सम्भव है तथा लिंग में 1 इंच से 2 इंच तक की वृद्धि हो जाती है। लिंग के इन ऊतकों व पेशी को सुगठित करने के लिए हर्बल इलाज की आवश्यकता होती है जिससे शीघ्र लाभ होता है। इस इलाज से शीघ्रपतन दूर होता है, नपुंसकता व यौन समस्याओं से मुक्ति, लिंग की लम्बाई व मोटाई में वृद्धि, वीर्य में शुक्राणुओं की वृद्धि, प्रोस्टेट ग्रन्थि की कार्यक्षमता को बढ़ाता है, बार-बार पेशाब से छुटकारा होता है, यौन क्षमता बढ़ाता है, लिंग में पूर्ण कठोरता व उत्तेजना होती है, आत्मविश्वास बढ़ाता है, टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की वृद्धि करता है। इस इलाज का कोई साईड इफैक्ट भी नहीं होता है।सिकंदर-ए-आज़म प्लस कैप्सूल एक हर्बल दवा है जो सेक्स की अपक्षयी जटिलताओं और यौन प्रदर्शन तथा सहनशक्ति में वृद्धि करता है तथा सेक्स करते समय आ रही सभी समस्याओं से मुक्ति दिलाने में आपकी मदद करता है. सिकंदर-ए-आज़म प्लस कैप्सूल सुरक्षित और प्रभावी है यह कामेच्छा बढ़ाता है. यह एक अनूठा कैप्सूलहै जो समय से पहले थकना या शीघ्र पतन हो जाना आदि समस्याओं को भी दूर करता है.
सिकंदर-ए-आज़म प्लस कैप्सूल एक हर्बल जड़ी बूटी युक्त एक कैप्सूल के रूप में दवाई है जोकि सेक्स करते समय व्यक्ति के शरीर में होने वाली कमजोरी, लिंग में तनाव की कमी, शरीर में दर्द, आदि शिकायतों से राहत प्रदान करने में मदद करता है यह प्राकृतिक रूप से लिंग की वृधि के लिए भी काम करता है दैनिक रूप से एक कैप्सूल, नयी उमंग नया जोश पैदा करता है साथ ही पुरुषों में नपुंसकता की सारी समस्याओं को दूर करता है. सिकंदर-ए-आज़म प्लस कैप्सूल, सिर्फ एक बार एक दिन में सेवन करने से यह लिंग में रक्त प्रवाह को तीर्व कर देता है और कार्पस केवेरनोसम नामक उतक में रक्त इकट्टा होकर लिंग का आकर बढ़ा देता है. सिकंदर-ए-आज़म हर्बल कैप्सूल फार्मूले की मदद से आप पहले से कहीं ज्यादा बेहतर सेक्स करने में सफल होंगे. अब तक दुनिया भर के लाखों पुरुषों को प्राकृतिक रूप से लाभ पहुंचा चूका है.
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