निखरी त्वचा के लिए डाइट में जरूरी हैं ये तत्व
जब कभी भी त्वचा की सुंदरता पर बात छिड़ती है, तो विटामिन्स,
मिनरल्स, प्रोटीन और एंजाइम्स जैसे भारी-भरकम शब्दों का इस्तेमाल होने लगता
है। पर क्या आपको इनके सही मायने पता हैं? क्या आपको यह पता है कि यह सब
मिलकर त्वचा के लिए क्या और कैसे काम करते हैं?
दरअसल, त्वचा की
नेचुरल ब्यूटी में इन्हीं तत्वों का सबसे बड़ा हाथ है, लेकिन इनके इस्तेमाल
में हम कई बार चूक जाते हैं और नतीजा होता है मेकअप बॉक्स पर हमारी
निर्भरता। आइए एक नजर डालें, त्वचा के इन ब्यूटी एजेंट्स और उनके काम करने
के तरीकों पर
1.सनबर्न से बचाता है सेलेनियम
सेलिनियम एक तरह का एंटी-ऑक्सीडेंट है, जो शरीर की कोशिकाओं को
फ्री-रेडिकल्स से होने वाले नुकसान को कम करता है। धूप में ज्यादा रहने,
स्मोकिंग या प्रदूषण से होने वाले रिंकल को रोकने में भी यह मददगार है।
सेलेनियम कैंसर, सनबर्न से भी त्वचा को बचाता है। क्या लें -
ब्राउन राइस, नट्स, पॉल्ट्री, सी-फूड, टमाटर, ब्रोकली और खीरा खाएं। अखरोट
में भी सेलेनियम होता है। यह मेंटल हेल्थ के लिए भी अच्छा होता है।
2.जिंक से त्वचा मुलायम
विटामिन-ई की तरह जिंक (जो एक प्रकार का खनिज लवण है) रूखी त्वचा को
नमी और कांति प्रदान करता है। त्वचा में कोलाजेन को बूस्ट करने के साथ यह
त्वचा पर एस्ट्रिंजेंट का भी काम करता है।
जिंक की कमी से एक्ने और स्ट्रेच मार्क जैसी समस्या हो सकती है। इसके लिए पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन लेने की जरूरत होती है, जिससे शरीर में जिंक का स्तर बना रहे।
क्या लें - प्रायः सभी प्रकार के भोजन में जिंक पाया जाता है। चाहे वह पशुओं से प्राप्त होता हो या वनस्पति से, लेकिन वनस्पति से मिलने वाले भोजन में यह कम होता है। जैसे मांस, दूध, मछली में यह पर्याप्त होता है। गहरे रंग वाली सब्जियों के साथ मटर, जौ, ड्राई फ्रूट्स, जैसी चीजें भी जिंक से भरपूर होती हैं।
जिंक की कमी से एक्ने और स्ट्रेच मार्क जैसी समस्या हो सकती है। इसके लिए पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन लेने की जरूरत होती है, जिससे शरीर में जिंक का स्तर बना रहे।
क्या लें - प्रायः सभी प्रकार के भोजन में जिंक पाया जाता है। चाहे वह पशुओं से प्राप्त होता हो या वनस्पति से, लेकिन वनस्पति से मिलने वाले भोजन में यह कम होता है। जैसे मांस, दूध, मछली में यह पर्याप्त होता है। गहरे रंग वाली सब्जियों के साथ मटर, जौ, ड्राई फ्रूट्स, जैसी चीजें भी जिंक से भरपूर होती हैं।
3.त्वचा में नमी के लिए फैटी एसिड
फैट से बचने के लिए घी-तेल या ड्राई फ्रूट्स का इस्तेमाल पूरी तरह
बंद कर देना, क्या त्वचा की सेहत के लिए सही है? जबकि त्वचा को नेचुरल
तरीके से नम रखने के लिए फैटी एसिड सबसे ज्यादा जरूरी है।यह त्वचा
को प्रदूषण से होने वाले नुकसान से भी बचाते हैं। जैसे ओमेगा-3 और ओमेगा-6
फैटी एसिड। ओमेगा-3 फैटी एसिड में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो त्वचा को
जलन और खुजली जैसी समस्याओं से बचाते हैं। इनका निर्माण हमारे शरीर के भीतर
नहीं होता। इसके लिए हमें अपनी डाइट पर निर्भर रहना पड़ता है। क्या
लें - रोजाना के खानपान से घी, तेल, मक्खन और ड्राई फ्रूट्स को पूरी तरह
से न हटाएं। फ्लैक्स सीड (अलसी), ऑयल, सी-फूड, अखरोट, बादाम और मछली के
सेवन से इन तत्वों की पूर्ति हो जाती है।
4.बीटा केरोटिन और लाइकोपीन
विटामिन-ई और `ए' की भांति बीटा केरोटिन एक महत्वपूर्ण
एंटी-ऑक्सीडेंट्स है, जो यूवी किरणों से प्रभावित त्वचा को पुनर्जीवित करने
का काम करता है। यह फोटो एजिंग के असर को भी कम करता है।
बीटा-केरोटिन की तरह ही लाइकोपीन एक सशक्त एंटी-ऑक्सीडेंट है, जो बॉडी से फ्री-रेडिकल्स को नष्ट कर त्वचा को स्वस्थ रखता है। यह विटामिन-ई से सौ गुना ज्यादा शक्ति रखता है, साथ ही बीटा-केरोटिन से दुगना प्रभावी भी है।
क्या लें - टमाटर लाइकोपीन का महत्वपूर्ण स्रोत है। टमाटर को पकाने पर भी उसमें मौजूद लाइकोपीन नष्ट नहीं होते हैं। पपीता, लाल अमरूद, गुलाब, अंगूर और तरबूज में भी लाइकोपीन होता है।
बीटा-केरोटिन की तरह ही लाइकोपीन एक सशक्त एंटी-ऑक्सीडेंट है, जो बॉडी से फ्री-रेडिकल्स को नष्ट कर त्वचा को स्वस्थ रखता है। यह विटामिन-ई से सौ गुना ज्यादा शक्ति रखता है, साथ ही बीटा-केरोटिन से दुगना प्रभावी भी है।
क्या लें - टमाटर लाइकोपीन का महत्वपूर्ण स्रोत है। टमाटर को पकाने पर भी उसमें मौजूद लाइकोपीन नष्ट नहीं होते हैं। पपीता, लाल अमरूद, गुलाब, अंगूर और तरबूज में भी लाइकोपीन होता है।
5.हर दिन चाहिए विटामिन भी
सही तरीके से विटामिनों के इस्तेमाल से त्वचा की झुर्रियों, पिंपल्स,
एक्ने और दाग-धब्बों के साथ-साथ बालों की समस्याओं से भी छुटकारा पा सकते
हैं। कई शोध ये साबित कर चुके हैं कि बालों और त्वचा के स्वास्थ्य व सुंदरता के लिए विटामिन-ए, बी, सी, डी, ई की आवश्यकता पड़ती है। क्या
आपको मालूम है कि विटामिन दो तरह के होते हैं। पहला वसा में घुलनशील
विटामिन। जैसे विटामिन ए, डी, ई और के। ये सभी फैट के साथ आसानी से डिजॉल्व
हो जाते हैं। दूसरा है वाटर सॉल्युबल विटामिन। जैसे विटामिन-बी
कॉम्पलेक्स और सी। यह आसानी से पानी में मिक्स हो जाता है। विटामिन
'ए' - विटामिन ‘ए’ त्वचा को झुर्रियों से बचाता है। इससे त्वचा में कसावट
आती है।� विटामिन-ए सबसे अधिक गाजर, सीताफल, अंडा, पत्तेदार सब्जियों और
दूध में मिलता है, लेकिन ध्यान रखें� विटामिन 'ए' का जरूरत से ज्यादा
मात्रा में सेवन बाल गिरने का कारण भी हो सकता है।विटामिन 'सी' -
विटामिन-सी त्वचा के लचीलेपन और कोलाजेन को सुधारने में सहायक होता है।
इसकी कमी से त्वचा समय से पहले ढीली पड़ने लगती है और बालों में रूखापन आ
जाता है। बालों की जड़ें कमजोर होती हैं और बाल गिरने लगते हैं।
इसलिए अपने आहार में विटामिन 'सी' युक्त चीजें, जैसे अमरूद, टमाटर, नींबू,
आंवला, अंकुरित दाल, ब्रोकली, सिट्रस फ्रूट्स, पपीता, लाल व पीली मिर्च
शामिल करें। विटामिन-बी कॉम्पलेक्सः विटामिन-बी-कॉम्पलेक्स त्वचा
में चमक बनाने में मदद करता हैं। इससे त्वचा में नमी बनी रहती है। यह
बालों की चमक को बनाए रखने और सफेद होने से बचाने के लिए भी जरूरी है।
लेकिन इसे शरीर खुद नहीं बना सकता, इसके लिए उसे भोजन पर निर्भर रहना पड़ता
है। अंडे और चिकन में विटामिन-बी12 की भरपूर मात्रा में होता है। इसके अलावा बादाम, टमाटर, प्याज और ओट्स आदि का भी सेवन कर सकती हैं, इससे बायोटिन का संतुलन बना रहता है।विटामिन
'के' - विटामिन 'के' त्वचा की इलास्टिसिटी में सुधार करता है और त्वचा पर
आए काले धब्बे और आंखों के आस-पास के काले घेरे को दूर करता है। यह
विटामिन त्वचा के घाव और चोट के निशान को भी दूर करने में मदद करता है।
गाजर, पालक, हरी पत्तेदार सब्जियों में यह प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।विटामिन-ई
- त्वचा की ऊपरी परत को पोषण और सुरक्षा देने के लिए विटामिन-ई जरूरी होता
है। यह त्वचा का रूखापन दूर कर झुर्रियों को आने से रोकता है। यह बॉडी में
मौजूद उन फ्री रेडिकल्स से भी फाइट करता है, जो झुर्रियों का सबसे बड़ा
कारण है।विटामिन-ई प्राप्त करने के लिए सी-फूड, साग-सब्जियों,
अंकुरित अनाज, खुबानी, चिलगोजे, बादाम, एवाकाडो, अखरोट, फ्लैक्स सीड,
राजमा, सोयाबीन और लोबिया आदि का सेवन करें।
6.पानी है सबसे जरूरी
पानी प्राकृतिक मॉइस्चराइजर है, जो आपकी त्वचा को नर्म और मुलायम
रखता है। यह शरीर से सारे टॉक्सिन को बाहर निकाल त्वचा को चमकदार बनाता है।
यदि आप अपनी त्वचा को हमेशा चमकदार और खूबसूरत देखना चाहती हैं, तो पानी खूब पिएं। पानी के अलावा ताजे फलों का जूस, छाछ, लस्सी, नींबू की शिकंजी और नारियल पानी भी हेल्दी त्वचा के लिए जरूरी है।
यदि आप अपनी त्वचा को हमेशा चमकदार और खूबसूरत देखना चाहती हैं, तो पानी खूब पिएं। पानी के अलावा ताजे फलों का जूस, छाछ, लस्सी, नींबू की शिकंजी और नारियल पानी भी हेल्दी त्वचा के लिए जरूरी है।
7.प्रोटीन भी है जरूरी
प्रोटीन भी त्वचा के लिए बेहद जरूरी होता है। इससे त्वचा की कोशिकाओं
के निर्माण में वृद्धि होती है। इसलिए अपने भोजन में नियमित रूप से
प्रोटीन लें। अपने भोजन में सफेद मीट, मछली, अंडा, दूध, दही, पनीर,
सोयाबीन और दालों को शामिल करें। इससे आपके शरीर को पर्याप्त मात्रा में
प्रोटीन प्राप्त होगा।
8.त्वचा का टॉनिक है एंटी-ऑक्सीडेंट
डॉ. अमित बांगिया (त्वचा रोग विशेषज्ञ, एआईएमएस) कहते
हैं कि अगर आप मुलायम और स्वस्थ त्वचा चाहती हैं, लेकिन इसके लिए
केमिकलयुक्त ब्यूटी प्रोडक्ट से परहेज करना चाहती हैं, तो एंटी-ऑक्सीडेंट्स
आपकी मदद कर सकते हैं।
यह न सिर्फ आपकी त्वचा को यंग लुक देते
हैं, बल्कि शरीर की अंदरूनी मजबूती के लिए भी जरूरी हैं। एंटी-ऑक्सीडेंट
पोषक तत्व (विटामिन्स और मिनरल्स) और एंजाइम (बॉडी में मौजूद प्रोटीन) होते
हैं, जो आपके शरीर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचने से रोकते हैं और उनमें
हुई क्षति की मरम्मत करने में मदद करते हैं।
एंटी-ऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को रोकते हैं और उन्हें ऑक्सीकृत होने से बचाते हैं।
एंटी-ऑक्सीडेंट
को स्कैवेंजर भी कहा जा सकता है, क्योंकि यह टॉक्सिन को नष्ट कर कोशिकाओं
को मृत होने से बचाते हैं। इसलिए शरीर में एंटी-ऑक्सीडेंट की लगातार
आपूर्ति होना जरूरी है।
रात में अपनी त्वचा को पर्याप्त मात्रा में
एंटी-ऑक्सीडेंट का पोषण दें। इससे कोशिकाओं की मरम्मत और चिकित्सा में मदद
मिलेगी। अपने आहार में पर्याप्त मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट को शामिल करने
और त्वचा की देखभाल करने वाली दिनचर्या आपकी त्वचा पर सकारात्मक प्रभाव डाल
सकती है।
क्या लें - एंटी-ऑक्सीडेंट वैसे तो कई भोज्य पदार्थों में
पाए जाते हैं, लेकिन ताजे फल और सब्जियों में यह सबसे अधिक मात्रा में
पाया जाता है। ब्लैक बेरी, स्ट्रॉबेरी, क्रैनबेरी आदि का भी सेवन किया जा
सकता है।
जरूरी मिनरल्स यानी खनिज लवण को दो भागों में बांटा गया
है। मैक्रो और ट्रेस। मैक्रो के अंतर्गत आने वाले मिनरल्स हैं- कैल्शियम,
पोटैशियम, मैग्नीशियम, आयरन और जिंक। बॉडी को इन मिनरल्स की ज्यादा जरूरत
होती है। वहीं ट्रेस मिनरल्स हैं आयोडिन, कॉपर और क्रोमियम, जिसकी जरूरत
बॉडी को कम होती है।
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